आज के टाइम में दुनिया ग्लोअबल विलेज बन रहा हैं, तो अंग्रेजी का महत्व क्या हैं, क्या इसको अंग्रेजी का Colonization कह के नकार देना चाहिए या हमें अपने बच्चो को इसको पढ़ना चाहिए, तो सबसे पहले हमें कुछ Fact समझना होगा,
- अंग्रेजी दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली मातृभाषा है।
- 2025 तक अनुमानित 2 बिलियन लोग अंग्रेजी बोलने वाले होंगे।
- विश्व के लगभग 35% इंटरनेट कंटेंट अंग्रेजी में उपलब्ध है।
- भारत में अंग्रेजी का उपयोग करीब 10% लोग अपनी मातृभाषा के रूप में करते
अब हम दो तरीके से इसके बारे में समझेंगे, पहला ऐसे लोगों का prespective समझेंगे जो अंग्रेजी के का विरोध करते हैं और कहते है कि हमें अपनी मातृभाषा में ही अपने बच्चो को पढ़ना चाहिए और दूसरा ऐसे लोगों का भी, Prespective समझेंगे जो अंग्रेजी को Next Big Thing बताते हैं और कहते हैं, हमें समय के हिसाब से चलना चाहिए |
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तो अंग्रेजी के विरोध करने वाले –
तो उनका कहना हैं, ऐसे देश विशेषकर, जिनमें बहुत सारी भाषाएं बोली जाती हैं, उनका कहना है कि कोई भी बच्चा जल्दी अगर कुछ सीखता हैं, तो वो अपनी मातृभाषा में ही सीखता हैं, वे बड़े-बड़े वैज्ञानिको का उदहारण देते हैं, उनका कहना कि सबने, आइन्स्टीन से लेकर के, कोई बड़ा साहित्यकार, लियो टॉलस्टॉय, सबने अपनी मातृभाषा में ही काम किया हैं, उन्होंने अपना बेस्ट वर्क, उनको अंग्रेजी नहीं आती है और और आप जो हैं,कुछ नया सोच सकते हैं , वो अपनी मातृभाषा में ही, इसलिए अपनी भाषा का महत्व बहुत बढ़ जाता हैं, और दूसरा वो चिंता जताते हैं कि अंग्रेजी के ज्यादा इस्तेमाल करने से, हमारी जो अपनी भाषा हैं, वो ख़त्म हो जायेगी और हमारें अपनी भाषा, 5000 तो कोई-कोई कहता हैं कि 10 हज़ार साल से भी ज्यादा पुरानी हैं, तो इसकी चिंता भी वो जताते हैं ,
और एक जो सबसे बड़ी वो कहते है कि यह अंग्रेजी की भाषा हैं, तो हमें गुलामी से मुक्त होना हैं, हम अब अपनी भाषा में सीखेंगे और अंग्रेजो की ग़ुलामी क्यूँ करें
अंग्रेजी के समर्थन करने वाले –
तो जो अंग्रेजी का समर्थन करता है उनका कहना हैं कि आज के टाइम में रिसर्च की भाषा, English हैं, Technology की भाषा अंग्रेजी हैं, कोई भी नया चीज़ सीखना हो, आप चाहे उत्तर प्रदेश -बिहार से आते हो, हिंदी माध्यम से पढाई की हो, सरकारी नौकरी चाहते हो, 8th Pay Commission का इंतज़ार कर रहे हो, आप के लिए अंग्रेजी ज़रूरी हो ही जाता हैं, और दूसरी बड़ी बात, इन्टरनेट पर पर सब कुछ अंग्रेजी में है और उसके बाद में वो कहते हैं, अंग्रेजी एक चाभी हैं, मतलब इन्टरनेट पर ज्ञान का भण्डार हैं, फ्री में, लेकिन इस ज्ञान के भण्डार अगर सब तक पहुंचे, इसके लिए उनको अंग्रेजी आना ज़रूरी हैं, तो गरीब-से-गरीब बच्चा तक, फ्री में सब कुछ सीखें, इसके लिए अंग्रेजी जानना ज़रूरी हो जाता हैं, यह नया रोज़गार का अवसर देती हैं, इसके सीखने से आप Technology चलने में माहिर होते हैं, और दुनिया में लगभग, सारे देश अंग्रेजी बोल लेते हैं, मतलब वहां कुछ-न-कुछ वर्ग अंग्रेजी बोलने वाला होगा ही, तो यह लगभग अघोषित International Langauge हैं, तो यह आपको बाहरी दुनिया से परिचित होने का मौका देती हैं, इसलिए भी अंग्रेजी ज़रूरी हो जाता हैं |
अब मेरा क्या मानना हैं ?
देखिये, मैं बोलूँगा कि अंग्रेजी के महत्व को हमें समझना चाहिए लेकिन साथ-ही-साथ हमें अपने जड़ो से भी जुड़ा रहना चाहिए, मतलब बीच का अगर कोई रास्ता हो, जिससे हम अंग्रेजी तो सीखें, ताकि दुनिया में क्या चल रहा हैं, नया कौन सा Technlogy आया हैं, जो भी इन्टरनेट पर ज्ञान हैं, वो फ्री में ले सकें, साथ ही साथ ही साथ, हमारा जो धरोहर हैं, हमारी जो भाषाएँ, उसको भी हम बचा के रखें, हम गर्व से अपनी भाषा बोल लें, तो हमें बीच का रास्ता अपनाने की ज़रुरत हैं